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Showing posts from May, 2020

भोपाल गैस कांड जैसे आखिर कितने गैस कांड भारत में

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   भोपाल गैस कांड जैसे आखिर कितने गैस कांड भारत में- नमस्ते मित्रों मैं धर्मेन्द्र (गुमनाम मुसाफिर) आपके साथ एक नये और पुराने शीर्षक को लेकर आज का शीर्षक बेहद दुःखद और सम्वेदनशील है आज का शीर्षक है भोपाल गैस कांड जैसे आखिर कितने गैस कांड भारत में....  भारतीय इतिहास की यह पहली औद्यौगिक त्रासदी थी, भारतीय इतिहास मैं ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई यह घटना अति चिंतनीय थी इसमे मरने वालों को पता भी था कि उनका किस कारण दम घुट रहा है।                               उस समय भारत जैसे विशाल देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी हुआ करते थे, और मध्य प्रदेश सूबे में भी उनकी ही सरकार थी उस समय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह थे। सरकारी आकड़ों और न्यूज एजेंसीयों की रिपोर्ट से पता चलता है, की संयुक्त राज्य अमेरिका की यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी भारतीय व्यापार के साथ भारत में प्रवेश लेकर मध्य प्रदेश के नामी शहर भोपाल में  सन 1969 को स्थापित होती है। यह कंपनी रसायन और बहुलक जैसे द्रव पदार्थ बनाती है जो की...

अपने लिए और दूसरों के लिए सकारत्मक सोच रखना क्यों जरूरी है

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अपने लिए और दूसरों के लिए सकारत्मक सोच रखना क्यों जरूरी है       नमस्ते मित्रों मैं धर्मेन्द्र (गुमनाम मुसाफिर) आपके साथ आज के ब्लॉग में एक नये शीर्षक के साथ आज का शीषर्क है अपने लिए और दूसरों के लिए सकारत्मक सोच रखना क्यों जरूरी है       आप सब सबने कहीं ना कहीं सुना ही होगा कि आपकी सोच आपको महान बनाती है। महात्मा गांधी का प्रसिद्ध कथन है कि इंसान वैसा ही बनता जाता है जैसी वह सोच रखता है। यह कथन छोटे या बड़े हर व्यक्ति पर लागू होता है। आप जिंदगी में सफल तभी हो सकते हैं जब आप सफलता हासिल करने के प्रति अपनी सोच को सकारात्मक रखेंगे। अगर अपनी खामियां ढूंढ-ढूंढकर खुद को कमतर ही आंकते रहेंगे तो कभी सफलता की ओर कदम नहीं बढ़ा सकेंगे।          कहते हैं सकारात्मक विचार  एवं  नकारात्मक विचार बीज की तरह होते है जिन्हे हम दिमागी रुपी ज़मीन में बोते हैं जो आगे चलकर हमारे दृष्टिकोण एंव व्यवहार रुपी पेड़ का निर्धारण करता है  एक तरफ नकारात्मक विचार हमे घोर अंधकार में धकेल सकते हैं वहीं दूसरी तरफ सकारात्मक सोच हमें अस...

वेब सीरीज की दुनियां में झूठे समाज का निर्माण

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  वेब सीरीज की दुनियां में झूठे समाज का निर्माण 🙏नमस्कार मित्रों मैं धर्मेन्द्र (गुमनाम मुसाफिर) एक नये ब्लॉग के साथ उपस्थित हूँ आज का शीर्षक है, वेब सीरीज की दुनियां में झूठे समाज का निर्माण, जिसकी वजह से    समाज में तरह तरह की भ्रांतियां फैल रहीं है। फिल्मों और टीवी सीरियल से इतर वेब सीरीज में 8-10 एपिसोड होते हैं। यह सीरीज अलग-अलग कहानी पर आधारित होती हैं। एक एपिसोड 25 से 45 मिनट तक के होते हैं। ये वेब सीरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कई बार एक साथ लॉन्च कर दिए जाते हैं, तो वहीं कई बार हर हफ्ते एक एपिसोड लॉन्च होता है।                    अधिकांश घरों में आज किसी न किसी सीरीज की चर्चा है। थ्रिलर, रोमांटिक, मर्डर मिस्ट्री, किसी वास्तविक घटना के चित्रण, ऐतिहासिक घटना आदि के सीरियल हैं। ऐसे समय में जब वेब सीरीज पर हिंसा और अश्लील शब्दों की भरमार हो और लोग इस बंधनहीन माध्यम की स्वतंत्रता को स्वच्छंद मानकर उसका नाजायज फायदा उठाने में जुटे हों, तो कोई साफ-सुथरा ईमानदार प्रयास भी कर सकता है, यह सोचकर विश्वास नहीं...

शिक्षा के बढ़ते दबाव से गुम होता जीवन

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        शिक्षा के बढ़ते दबाव से गुम होता जीवन     नमस्कार मित्रों मैं धर्मेन्द्र (गुमनाम मुसाफिर)  एक नये ब्लॉग के साथ उपस्थित हूँ, आज का शीर्षक है शिक्षा के दबाव से गुम होता जीवन।          शिक्षा मानव जाति की वह शक्ति है जो मानव जाति को सोचने, समझने, और समाज में जीने की शक्ति प्रदान करती है। यहि एक मात्र ऐसा उपाय है जो समाज को सशक्त और समृद्ध बनाता है, लेकिन समय के ढलते इन बदलाव से समाज में कुछ अलग ही संदेश जा रहा है। जिसमें कई युवा जीवन गुम हो गए। स्वभाव पर पड़ रहा है असर- मनोचिकित्सक नियति धवन के अनुसार शैक्षणिक दबाव छात्र के अच्छे प्रदर्शन के लिए बाधक है। प्रत्येक व्यक्ति अलग है, कुछ छात्र शैक्षणिक तनाव का अच्छी तरह से सामना कर लेते हैं। लेकिन कुछ छात्र ऐसा नहीं कर पाते, जिसका असर उनके स्वभाव पर पड़ रहा है। वे माता-पिता के साथ उग्र होने लगते हैं। ऐसे केस अब सामने आने लगे हैं। ऐसे में वो अत्यधिक या कम खाने लगते हैं या जंक फूड खाने लगते हैं। असमर्थता को लेकर उदास छात्र तनाव से ग्रसित होने के साथ ही पढ़ाई भी ब...