चीन का पूर्ण बहिष्कार आप कर नहीं सकते
फायदा क्या है, चीन का पूर्ण बहिष्कार आप कर नही सकते.. 70 प्रतिशत उपचारिक सामग्री आप चीन से निर्यात करते हैं.. paytm, delhivery, zomato, vivo, oppo ऐसी कई कंपनियां है जिनके बिना आप रह नही सकते.. सत्तादल की तो शुरुआत से ही आदत रही है.. पहले वह मतशक्ति हासिल करने के लिएdairymilk सिल्क दिखती है और बाद में, चार आने की पारले टॉफी थमा देती है..जनता इतनी भोली है कि उसमें ही खुश हो जाती है ।।
मुझे शुरुआत से ही टिकटोक, पब्जी ये सारे एप्लिकेशन नापसन्द रहे है, कुछ खास कारण नही है.. लेकिन जो संसाधन आपको लती बनाये वो मेरी समझ में खतरनाक है ।।
किन्तु तब भी, टिकटोक एक ऐसा माध्यम था जिसके जरिये कई जमीन से जुड़े हुए लोगों ने समाज में प्रतिष्ठा पाई है और खुद को साबित किया है अतः हम कह सकते है कि यह एक सूक्ष्म वर्ग के लिए ही सही, पर एक प्रकार का रोजगार का माध्यम था ।
इस पर कोई विरोध नही जतायेगा कि, सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से कुछ लोगों के रोजगार पर प्रहार किया है..
खुलकर चीन का नाम लेने से आप घबराते है, आप क्यों नही मान लेते कि जिस प्रकार भारत-पाक के बीच कोई तुलना नही की जा सकती, भारत हर क्षेत्र में उससे कहीं ज्यादा ताकतवर है..
वैसे ही चीन-भारत की तुलना करना व्यर्थ है.. इस बात को मानने में कोई शर्म वाली बात नही है कि बीते कुछ वर्षों में चीन ने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है.. और एक विश्वशक्ति के रूप में खुद को साबित किया है.. सभी जानते है, कि कोरोना का जनक कौन है? लेकिन राष्ट्रराज कहा जाने वाला अमेरिका जो इस त्रासदी का सर्वाधिक शिकार हुआ है, वह भी चीन को भले ही इसका जिम्मेदार ठहराने का प्रयास करता हो किन्तु सीधे तौर पर आड़े हाँथो लेने से कतरा रहा है ।।
ऐसे में हम सरकार को प्रतिब्द्ध नही करते कि यद्ध में विजयश्री की प्राप्ति करवाये लेकिन कम से कम ऐसी बेफ़िज़ूलियत तो ना फरमाये, बातचीत और गांधीवाद से इस मसले को सुलझाने का प्रयास करे... ना कि आगामी चुनाव की पृष्ठभूमि रचे ।।
🖋️वैभव चौबे
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