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Showing posts from January, 2021

विचारnama लेख ~4 इन स्थानों में अर्द्ध नग्न औरतों को देखने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है क्यों...?

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विचारnama लेख ~4 इन स्थानों में अर्द्ध नग्न औरतों को देखने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है क्यों...? 14 जनवरी.... मुद्दा विचारणीय है!                वैसे कुछ दिनों सर्दी का तापमान कुछ खास नहीं था कहने का तात्पर्य यह है की सर्दी अधिक नहीं थी लेकिन कुछ घंटों के दरमियान मौसम का रुख बदल गया था अभी मैं सर्दी को चिड़ा रहा था अब सर्दी मुझे चिड़ाने लगी थी जैसे तैसे रात के बाद 14 जनवरी की सुबह की शुरुआत हुई अर्थात आज मकर संक्रांति का त्योहार है वैसे सनातन व्यवस्था मे सभी त्योहारों का एक अलग ही महत्व है जिसमें एक कॉमन है कि त्योहार कुछ भी हो आपको बड़े भोर नहा धोकर तैयार होना ही अब मैं इस नहाने की जंग से भी जीत गया था चटकती धूप में बैठे हुए मनु जी का उपन्यास वेंटिलेटर इश्क पढ रहे थे तभी पास में रखे फोन से वाइब्रेशन की आवाज आई वैसे ये कॉल हमारे निहत्थे झूठे मित्र राजा की थी जिनकी 100 बातों में से 4 पर ही भरोसा किया जा सकता है सर जी बाला जी चले क्या, " फोन के उस ओर से अबाज आई" हाँ चलो, " हमने भी हामी भर दी क्योंकि ...

विचारnama लेख ~3 ऐसा पेड़ जो आपने नहीं देखा होगा.?

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01/01/2021       इस चकाचौंध बाली दुनिया में सारे त्योहार एक तरफ और अँग्रेजी वर्ष का पहला दिन एक तरफ यानी पहली जनवरी शहर में नयी ताजगी का एहसास हो होने लगा था इसका कारण नव वर्ष कतई नहीं था शहर की ताजगी का मुख्य कारण शहर की सड़कों पर हुर्र हुर्र करती बाइको की आवाज शहर के चौराहों पर अपने जोड़ीदार का इंतजार करती लड़कियां, पहनावे बही 21 वी सदी वाला आधे अधूरे कपड़ों के साथ जाड़े की सर्दी को ठेंगा दिखाते हुए अपने गंतव्य स्थान की ओर जाते दिखाई पड़ रहे थे...     इसी भीड़ में कहीं ना कहीं हम तीन लोग भी शामिल थे मैं, शेखर और साहिल हम तीनों महिला मित्रों के साथ कतई नहीं थे क्योंकि हम जैसे लोग उनका खर्चा उठाने में असमर्थ है वैसे सही बात कही जाये तो हम जैसे लोग महिला मित्रों के लायक ही नहीं है! हम तीनों भी नव वर्ष का पहला दिन आजादी से बिताने के लिए निकल पड़े शहर के बीचो बीच स्थित छोटी सी पहाड़ी पर ध्यान चंद्र जी प्रतिमा जहां से पूरा शहर हम अपने कदमों के नीचे पाते हैं पालीटेक्निक कॉलेज के रास्ते से होते हुए हम दोनों आगे बड़ ही रहे थे कि अचानक एक अद्भुत दृश्य सामने ...

विचारnama लेख ~2 मासूमियत देखकर आप भी कायल हो जाएंगे

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01/01/2021                साल का पहला दिन अमूमन सबके लिये ख़ास होता है कुछ लोगों को छोड़ कर और ये लोग भारत में बहुत बड़ी है संख्या में पाये जाते हैं अब इस कहानी को शुरू से शुरू करते हैं                मैं और मेरा मित्र शेखर आज नव वर्ष के उपलक्ष में कुछ समय के लिए खुद को विद्यार्थि जीवन से दूर रख कर शांति से कुछ पल बिताने के लिये बुंदेलखंड के झाँसी शहर में एक छोटी सी चोटी पर स्थित मेजर ध्यानचंद्र जी की प्रतिमा के पास बिताने वाले थे क्योंकि Corona के कारण शहर के नगर निगम के पार्क बंद चल रहे है और रेस्ट्रां या निजी पार्क में जाना हम लोगों के औकात से बाहर है इसलिए निश्चय किया गया की मेजर जी की प्रतिमा को घूमने चलेंगे भाई तू पालीटेक्निक कॉलेज के पास मिल, " शेखर ने कॉल करके बताया" मैं उस वक़्त अनुराग पाठक जी की '12th फेल ' हल्की धूप में बैठे हुए पढ रहा था। उसका कॉल आते ही मैं तैयार होकर 10 मिनट के दरमियाँ पालीटेक्निक कॉलेज पर पहुंच गया शे...