विचारnama लेख ~3 ऐसा पेड़ जो आपने नहीं देखा होगा.?

01/01/2021
      इस चकाचौंध बाली दुनिया में सारे त्योहार एक तरफ और अँग्रेजी वर्ष का पहला दिन एक तरफ यानी पहली जनवरी शहर में नयी ताजगी का एहसास हो होने लगा था इसका कारण नव वर्ष कतई नहीं था शहर की ताजगी का मुख्य कारण शहर की सड़कों पर हुर्र हुर्र करती बाइको की आवाज शहर के चौराहों पर अपने जोड़ीदार का इंतजार करती लड़कियां, पहनावे बही 21 वी सदी वाला आधे अधूरे कपड़ों के साथ जाड़े की सर्दी को ठेंगा दिखाते हुए अपने गंतव्य स्थान की ओर जाते दिखाई पड़ रहे थे...
    इसी भीड़ में कहीं ना कहीं हम तीन लोग भी शामिल थे मैं, शेखर और साहिल हम तीनों महिला मित्रों के साथ कतई नहीं थे क्योंकि हम जैसे लोग उनका खर्चा उठाने में असमर्थ है वैसे सही बात कही जाये तो हम जैसे लोग महिला मित्रों के लायक ही नहीं है!
हम तीनों भी नव वर्ष का पहला दिन आजादी से बिताने के लिए निकल पड़े शहर के बीचो बीच स्थित छोटी सी पहाड़ी पर ध्यान चंद्र जी प्रतिमा जहां से पूरा शहर हम अपने कदमों के नीचे पाते हैं
पालीटेक्निक कॉलेज के रास्ते से होते हुए हम दोनों आगे बड़ ही रहे थे कि अचानक एक अद्भुत दृश्य सामने आया जो अभी तक हम लोगों ने कभी नहीं देखा था...
सोहिल तूने कभी ब्रा पेंटिं बाला पेड़ नहीं देखा होगा देख इसे, " शेखर ने पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा"
मैं भी देखने लगा और सोचने लगा कि ये मानसिकता अभी भी ज़िन्दा है औरतों के वस्त्रों को लेकर सच में हम 21 वी सदी में जी रहे है, मैं समझ गया ये काण्ड किन लोगों का हो सकता है ओछी हरकतों के कार्य पालीटेक्निक के छात्रावास के विद्यार्थि करते है ये लांछन मैं पूरे छात्रों पर नहीं लगा रहा हूँ मात्र पालीटेक्निक के कुछ असभ्य विद्यार्थि जो अपने घरों से इस शहर में पढने आए थे उन्हें लगता होगा कि इस पेड़ पर वस्त्र यानि औरतों के विशेष वस्त्र टांगने से लोग इस पेड़ को देखेंगे और आपस में विचार विमर्श करेंगे और खुश होंगे बस इतने में ही वो विद्यार्थि खुश थे
हम लोग भी नारी उत्थान को लेकर विचार विमर्श करते हुए अपने गंतव्य स्थान पर पहुच गए जैसे तैसे चोटी की सीडियां चड़ कर हम लोग प्रतिमा के पास पहुंचे और प्रतिमा के पास लगी ग्रिल से टिक कर सुस्ताने लगे क्योंकि सीढिया पर चलते चलते थक गए थे
सोहिल ने नीचे से ही कुछ चिप्स के पैकेट और 2 लीटर की पानी की बोटल शेखर के कहने पर खरीद ली थी हम सब लंबी सांस लेने के बाद, उस चोटी के माहौल में ढ़लने लगे जैसे हम देख रहे हैं कोई अपने जोड़ीदार के साथ खा पी रहा है कोई selfi selfi खेल रहा है और कुछ उद्दंड लड़के ग्रुप बनाकर ल़डकियों पर टिप्पणी कर रहे थे जिससे देखने पर लग रहा था कि उन ल़डकियों को उन लड़ाकों की टिप्पणी से कोई समस्या नहीं है वे खुश थी....
हम लोगों का फोटो खींचने का कार्य क्रम करीब 1 से 1:30 घंटे चला.......
इसी दौरान पता चला कि सोहिल को ऊचाई से बहुत डर लगता है और वो एक जगह बैठ गया!
और आगे का कार्य हम दोनों ने निरन्तर रखा ✌️

Comments

  1. 😳बहुत मनोरम दृश्य था 🤣

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  2. Bhai tree ki pic dal dete ham bhi dekh lete yrr 😜😜

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