सर आपको दुश्मन भी गुड मॉर्निंग करता है
सर आपको दुश्मन भी गुड मॉर्निंग करता है
सुबह सुबह एक ऐसा प्रश्न दागा गया दक्षय पर की उसके सामने 3 साल की पूरी घटनाएं एक एक करके विजुअल स्क्रीन पर चलने लगी दक्षय ने इस प्रश्न को अनसुना करते हुए hmm बोल कर उस स्टुडेंट पर जोर से चिल्ला कर बोल पड़ा की तुम अपना वर्क नोट करो दक्षय सायद इस प्रश्न का ज़बाब दे भी देता यदि स्टुडेंट के बदले में और कोई होता
आप सब सोच रहें होंगे ये कैसी कहानी है जो समझ ही नहीं आ रही है
चलो शुरू से शुरू करते हैं
दक्षय का जब कभी शाम का प्रोग्राम बनता था तो दक्ष्य अपने स्टूडेंट्स को सुबह के वक्त पढा देता था
आज आज शाम दक्ष्य की इक लेखक के साथ मीटिंग फिक्स हुईं थी इसलिए दक्ष्य अपने स्टूडेंट्स को मॉर्निंग में पढ़ाने पहुंच गया क्लास स्टार्ट होते ही दक्ष ने अखिल को साइंस के नोट्स अपने फोन में निकाल कर दे दिए
अखिल जल्दी जल्दी लिखना और भी सब्जेक्ट है ,"दक्ष ने तनीषा की कॉपी का पेज पलटते हुए कहा " तनिषा अखिल की छोटी बहिन है जिसे दक्ष पढ़ाता है
दक्ष्य ने अपनी एक दोस्त को मॉर्निंग का मैसेज किया थ जब उसकी मॉर्निंग में आंख खुली थी जिसका जवाब अब आया जब अखिल अपने साइंस के नॉट्स लिख रहा था
सर आपको दुश्मन भी गुड मॉर्निंग करता है ," अखिल ने लिखते लिखते कहा "
दक्ष ने बात को टालते हुए कहा hmm hmm तुम अपना काम करो अभी और सब्जेक्ट भी
दक्ष इस प्रश्न का ज़बाब दे भी देता यदि उसके स्टूडेंट्स के आलावा और कोई भी होता
फिर दक्ष दुश्मन सुनकर बीते हुए 3 साल की सभी घटनाओं को विजुअल स्क्रीन पर एक एक करके आने से रोक नही पाया
यदि यह प्रश्न किसी और ने किया होता तो मैं इसका क्या ज़बाब देता "दक्ष तनीषा का होम वर्क चेक करते करते सोच रहा था "
क्या मैं बास्तबिक बताता या गोल मोल झूठ बोल कर बच जाता
आप सब भी सोच रहें होंगे ये दुश्मन कौन है कई लोगों के माइंड में तो अपनी अपनी कहानियां पैदा भी होने लगी होंगी खैर छोड़ो दक्ष्य शायद आप सब को बता पाए अथवा ना बता पाए क्योंकि एक कहानी का पात्र है
चलो हम बता देते
इसकी शुरूआत आज से क़रीब 3 साल पहले हुईं थी जब दोनो एक कालेज में मिले एक ही क्लास के स्टूडेंट थे
क्लास के कार्य को लेकर दोनों में पहचान हुई और आगे चल कर दोस्ती हो गई जब तक दोस्ती साधारण रही तब तक सब ठीक रहा लेकिन स्टुडेंट लाइफ में BFF relationship का एक अलग ही स्यापा होता है जब इस रिश्ते का जन्म होता है आप मानिए दो नए लोगों जन्म होता है इस रिश्ते की शुरुआत से ही क्लास और फोन एक कुरुक्षेत्र और एक करन तो दूसरा अर्जुन बन जाता है और आए दिन युद्ध होता और कभी कभी तो ये नौबत आ जाती की phon no. ब्लैक लिस्ट कर दिए जाते कुछ समय बाद फिर व्हाइट लिस्ट कर दिए जाते इस रिश्ते में जितना लोग अपने bff से टच में रहते हैं उतना बो अपने gf या bf के साथ कभी नही रहते
दक्ष और उनके दुश्मन की भी यही स्थिति थी इन दोनो का रिश्ता इतना अजीब था की महीने भर लड़ाइयां सुलझती रहती दोनो जानते थे की बिना बात करें रहा नही जायेगा फिर कोशिश करते रहते थे पहली बार की दोनो के बीच 58 दिन कोई चीत नही हुई झगड़े के बाद फिर तो ये समय ऐसे बढ़ता गया जैसे साहूकार का व्याज बड़ रहा हो आप सोच रहें होंगे इस रिश्ते में इतना नकारत्मक दृश्य है तो सकारात्मक क्या है
ऐसा नही है की सकारात्मक ना हो
अन्दर की बात बताएं तो दोनो में प्यार भी बहुत था शायद इसका आंकलन नही किया जा सकता क्योंकि कुछ भी दिखावटी या बनावटी नही था हां सायद दोनों bff के बदले में इश्क बाला रिश्ता होता तो उनका प्यार इतना विशुद्ध ना होता जब भी लड़ाई के बाद उनकी बात होती तो घंटो तक चलती पहले एक दूसरे की गलतियां गिनाते फिर दोनों ही अपने आप को गलत ठहराते कि मैं गलत थी या मैं गलत था एक दुसरे को ऐसे समझाते समझाते जैसे मानो नवजात सीसु से उसकी दादी बात करती है
दोनों की कोई और कहानी आप सबको अगले लेख में पढ़ने को मिलेगी
धनयबाद
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